कुंती के कितने पति थे- कुंती का एक ही पति था पांडु| देखा जाये तो महाकाव्य महाभारत के अनुसार कुंती माता के एक ही पति थे | उनके चारो पुत्र भगवान के अंश थे, जो उन्होंने वरदान के रूप में प्राप्त किये थे |
कुंती के कितने पति थे
कुंती के कितने पति थे
कुंती माता यदुवंश के राजा शूरसेन की पुत्री थी | …एक बार कुंती माता ने अपने यहाँ पधारे हुए ऋषि दुर्वासा की ऐसी सेवा की कि उन्होंने प्रसन्न होकर माता कुंती से वरदान मांगने को कहा | ऋषि दुर्वासा ने माता कुंती को वर देते हुए कहा “मै तुम्हे ऐसा देवीमन्त्र दे रहा हु” ,जिसका प्रयोग कर तुम किसी भी देवता को आमंत्रित कर सकती हो और मन चहा वरदान मांग सकती हो |
माता कुंती का विवाह पाण्डु राजा से होआ था | परन्तु जब पाण्डु राजा को मिला श्राप कारण पाण्डु राजा लैंगिक सम्बन्ध नहीं बना सकते थे | इसलिए माता कुंती ने ऋषि दुर्वासा के वरदान को याद करते होए धर्मराज से पुत्र युधिष्ठिर , वायु के देवता से पुत्र भीम , और वर्षा के देवता इंद्र से पुत्र अर्जुन को प्राप्त किया | विवाह से पहले भी उनका एक पुत्र था जो उन्होंने सूर्य भगवान का ध्यान कर कर्ण नामक पुत्र प्राप्त किया |
कुंती के कितने पति थे
चूंकि पौंडु संतान उत्पन्न करने में असमर्थ था तो कुंती के सभी पुत्र अलग अलग देवताओं से नियोग व्यवस्था द्वारा उत्पन्न हें| उस समय समाज में यह व्यवस्था प्रचलित थी| नियोग का ज़िक्र मनुस्मृति में भी मिलता है| पति द्वारा संतान उत्पन्न न होने पर या पति की अकाल मृत्यु की अवस्था में ऐसा उपाय है जिसमे पत्नी किसी अन्य पुरुष का आह्वान कर के उसके द्वारा संतान उत्पन्न कर सकती थी और समाज में उस संतान को उसके पति के नाम से जाना जाता था और स्वीकार किया जाता था|
पांडु, धृतराष्ट्र और विदुर भी गुरु वेद व्यास द्वारा नियोग विधि से उत्पन्न हुये| माना जाये तो दशरथ की रानियों ने भी इसी प्रथा द्वारा संताने उत्पन्न की होंगी |
*Also Read*
- Sarvanam worksheet for class 2
- Sarvanam worksheet for class 3
- Multiplication Sums for Class 1
- Multiplication Sums for Class 2
- संस्कृत में अनुवाद करे