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संस्कृत में वाक्य बनाएं

संस्कृत में वाक्य बनाएं: सबसे पहले आपको संस्कृत में सामान्य शब्दों को जानना आवश्यक है जैसे – फल, फूल, सब्जी, पशु, पक्षी तथा वार्तालाप में प्रयोग होने वाले शब्द जैसे – नमस्ते, अलविदा, सुप्रभात, आप कैसे हैं, चिंता मत करो इत्यादि को संस्कृत में जानना अत्यंत आवश्यक है।

संस्कृत में वाक्य बनाएं

संस्कृत में वाक्य बनाएं:

  • रामः पुस्तकं पठति।- राम पुस्तक पढता है।
  • गीता ग्रामं गच्छति।- गीता गांव को जाती है।
  • गंगा नित्यं प्रवहति।- गंगा निरन्तर बहती है।
  • सूर्यः उदयं गच्छति।- सूर्य उदय होता है।
  • चन्द्रः अस्तं गच्छति।- चन्द्र अस्त होता है।
  • भवान् जलं स्वीकरोतु।- आप जल लीजिए।
  • कृपया शनैः शनैः वदतु।- कृपया धीरे- धीरे बोलें।
  • गीते! त्वं विद्यालयं गच्छ।- गीता, तुम विद्यालय जाओ।
  • किम् अहं पाठं पठानि।- क्या मैं पाठ पढूं।
  • उच्चैः मा वदतु।- जोर से मत बोलो।
  • रामः ह्यः विद्यालयम् अगच्छत्।- राम कल विद्यालय गया।
  • अहं चलचित्रं द्रष्टुं सिनेमागृहं अगच्छम्।- मैं फिल्म देखने सिनेमा घर गया।
  • मया सह मनीषा अपि कार्यम् अकरोत्।- मेरे साथ मनीषा ने भी कार्य किया।
  • मोदी पंचवारं विदेशयात्राम् अकरोत्।- मोदी ने पांच बार विदेश यात्रा कर ली।

संस्कृत में वाक्य

  • पवनदीराजनः संगीते स्वर्णपदकम् अजयत्।- पवनदीप राजन ने संगीत में स्वर्णपदक जीता।
  • अहं त्वया सह भ्रमणाय मुम्ब‌ईनगरं गमिष्यामि।- मैं तुम्हारे साथ घूमने मुम्बई जाउंगा।
  • हम होंगे कामयाब एक दिन।- वयम् एकदिने सफलाः भविष्यामः।
  • अहं त्वां विना न जीवितुं शक्ष्यामि।- मैं तुम्हारे बिना नहीं जी सकुंगा।
  • प्रिये, त्वं मां त्यक्त्वा तु न गमिष्यसि।- प्रिया, तुम मुझे छोडकर तो नहीं जाओगी।
  • अहं तुभ्यम् एकं पत्रं लिखिष्यामि।- मैं तुम्हारे लिए एक खत लिखुंगा।
  • बालक विद्यालय जाता है। – बालकः विद्यालयं गच्छति।
  • झरने से अमृत को मथता है। – सागरं सुधां मथ्नाति।

संस्कृत में वाक्य बनाएं

संस्कृत में वाक्य बनाएं

  • राम के सौ रुपये चुराता है। – रामं शतं मुष्णाति।
  • राजा से क्षमा माँगता है। – नृपं क्षमां याचते।
  • सज्जन पाप से घृणा करता है। – सज्जनः पापाद् जुगुप्सते।
  • विद्यालय में लड़के और लड़कियाँ है। – विद्यालये बालकाः बालिकाश्च वर्तन्ते।
  • मैं कंघे से बाल सँवारता हूँ। – अहं कंकतेन केशप्रसाधनं करोमि।
  • बालिका जा रही है। – बालिका गच्छन्ती अस्ति।
  • यह रमेश की पुस्तक है। – इदं रमेशस्य पुस्तकम् अस्ति।
  • बालक को लड्डू अच्छा लगता है। – बालकाय मोदकं रोचते।
  • माता-पिता और गुरुजनों का सम्मान करना उचित है। – पितरौ गुरुजनाश्च सम्माननीयाः।

वाक्य संस्कृत में

  • जो होना है सो हो, मैं उसके सामने नहीं झुकूँगा। – यद्भावी तद् भवतु, नाहं तस्य पुरः शिरोऽवनमयिष्यामि।
  • वह वानर वृक्ष से उतरकर नीचे बैठा है। – वानरः वृक्षात् अवतीर्य्य नीचैः उपविष्टोऽस्ति।
  • मेरी सब आशाओं पर पानी फिर गया। – सर्वा ममाशा मोघाः सञ्जाताः।
  • मन्दिर के चारों ओर भक्त है। – मन्दिरं परितः भक्ताः सन्ति।
  • इस आश्रम में ब्रह्मचारी, वानप्रस्थी और संन्यासी हैं। – ब्रह्मचारिणः वानप्रस्थाः संन्यासिनश्च अस्मिन् आश्रमे सन्ति।
  • नाई उस्तरे से बाल काटता है। – नापितः क्षुरेण केशान् वपति।
  • रंगरेज वस्त्रों को रंगता है। – रज्जकः वस्त्राणि रञ्जयति।

संस्कृत में वाक्य बनाएं

वाक्य कैसे बनाएं:

  • मन सत्य से शुद्ध होता है। – मनः सत्येन शुध्यति।
  • आकाश में पक्षी उड़ते हैं। – वियति (आकाशे) पक्षिणः उड्डीयन्ते।
  • उसकी मूट्ठी गर्म करो, फिर तुम्हारा काम हो जाएगा। – उत्कोचं तस्मै देहि तेन तव कार्यं सेत्स्यति।
  • कुम्भ पर्व में भारी जन सैलाब देखने योग्य है। – कुम्भपर्वणि प्रचुरो जनसञ्चारः दर्शनीयः।
  • विद्याविहीन मनुष्य और पशुओं में कोई भेद नहीं है। – विद्याविहीनानां नराणां पशूनाञ्च कोऽपि भेदो नास्ति।
  • उसकी ऐसी दशा देखकर मेरा जी भर आया। – तस्य तथावस्थामवलोक्य करुणार्द्रचेता अभवम्।
  • प्रभाकर आज मेरे घर आएगा। – प्रभाकरः अद्य मम गृहमागमिष्यति

वाक्य संस्कृत में बनाएं:

  • एक स्त्री जल के घड़े को लेकर पानी लेने जाती है। – एका स्त्री जलकुम्भमादाय जलमानेतुं गच्छति।
  • मैं आज नहीं पढ़ा, इसलिये मेरे पिता मुझ पर नाराज थे। – अहमद्य नापठम्, अतः मम पिता मयि अप्रसन्नः आसीत्।
  • मे घर जाकर पिता से पूछ कर आऊँगा। – अहं गृहं गत्वा पितरं पृष्ट्वा आगमिष्यामि।
  • व्यायाम से शरीर बलवान् हो जाता है। – व्यायामेन शरीरं बलवद् भवति।
  • उसके मूँह न लगना, वह बहुत चलता पुरजा है। – तेन साकं नातिपरिचयः कार्यः कितवौऽसौ।
  • मेरे पाँव में काँटा चुभ गया है, उसे सुई से निकाल दो। – मम पादे कण्टको लग्नः, तं सूच्या समुद्धर।
  • एक बार धर्म और सत्य में विवाद हुआ। – एकदा धर्म्मसत्ययोः परस्परं विवादोऽभवत्।
  • सूर्य की प्रखर किरणों से वृक्ष, लता सब सूख जाते हैं। – सूर्यस्य तीक्ष्णकिरणैः वृक्षलताः शुष्काः भवन्ति।
  • ईश्वर की कृपा से उसका शरीर नीरोग हो गया। – ईश्वरस्य कृपया तस्य शरीरं नीरोगम् अभवत्।
  • राम के साथ सीता वन जाती है। – रामेण सह सीता वनं गच्छति।

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